मकर सक्रांति

मकर सक्रांति 



अरे भईय्या संकारत आ गई है और बजाई जडो पड़ रहो है ,कैसे लग है रे ई दार हो बुड़की
अपने हिन्दू धर्म मैं बताये गई है की "मकर-संक्रांति" सूर्य भगवान को त्योहार आये , जीनसे सक्रान्त पे पूजा पाठ करे जाट है ,

ई दिना सूर्य भगवान् दक्षिण की यात्रा निपटा के उत्तर दिशा की टर्पी चलबो चालू करत हैं ।
जो तो पतये हुएए की सक्रांत के बाद दिना लम्बे और रातें हलकी होणं लगत हैं।

ई दिना उत्तर भारत में मकर संक्रांति, पंजाब और हरियाणा में लोहड़ी, असम में बिहू और दक्षिण भारत में पोंगल मनाओ जात है।
संक्रात पे पतंग उड़ावे को बजाई पुराणों रिवाज हैं. जीमैं बाल बच्चो के संगे संगे बड़े बूढ़े सोये पतंग उड़ावे मैं टक्कर लग जाट हैं.
संक्रात मैं पतंग उड़ावे को शौक तो अपने प्रधानमंत्री मोदी जी से लेके सलमान खान लो हो हैं.

संक्रांत के दिना संकरे संकरे नदिया मैं बुड़की लगावे की परंपरा तो जनतइ हुइऔ, अबे तो बेजा जाड़ो पर रओ है इसे नए मोड़ा मोड़ी बछवे हों घरेई किंचा मारन लगे है  , काये की भुन्सारे से बुड़की लगावे पे बाई किते तिल और गुड़ के लडुओ की जुगाड़ नयी घालत हैं. 

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