"बंगाल गजट" भारत में मुद्रित पत्रकारिता की शुरुआत

"बंगाल गजट" भारत में मुद्रित पत्रकारिता की शुरुआत 




पत्रकारिता किसी-न-किसी रूप में मानव सभ्यता से जुडी रही है। उस दौर की पत्रकारिता आज की पत्रकारिता से बिल्कुल भिन्न थी।

चाहे अशोक के समय में पत्थरों की शिलाओं पर लिखे हुए लेख हों या मुगल काल में  वाकयानवीस,
ये शिलालेख या वाकयानवीस शासन की बात को जनता तक और जनता की बातों को शासन तक पहुंचाने के प्रमुख माध्यम थे। बात प्रिंट पत्रकारिता की करें तो देश में पहली बार पत्रकारिता के लिए प्रेस का इस्तेमाल 29 जनवरी, 1780 को किया गया।

र्इस्ट इंडिया कंपनी के एक कर्मचारी जेम्स आगस्टस हिक्की ने पहली बार कलकत्ता से चार पृष्ठों के एक अंग्रेजी समाचार पत्र 'बंगाल गजट का प्रकाशन आरंभ किया। इस तरह भारत में मुदि्रत पत्रकारिता प्रारंभ करने का श्रेय हिक्की को जाता है।

अपने पत्र के एक अंक में हिक्की ने वारेन हेसिटंग्स और उनकी पत्नी तथा मुख्य न्यायाधीश सर एलिज इम्पी के बारे में चरित्र हननकारी बातें लिखीं। इस वजह से उसपर मानहानि का मुकदमा चलाया गया। दोष सिद्ध होने पर उन्हें भारी जुर्माने चुकाने पड़े तथा जेल की सलाखों के पीछे भी बंद रहना पड़ा। इन सबके बावजूद भी हिक्की ने अपना काम जारी रखा।

पत्र को सरकार के कोपभाजन का शिकार बनना पड़ा। गवरनर जनरल हेसिटंग्स ने  पत्र के प्रकाशन के लिए उपयोग में लाए जाने वाले टाइप्स जब्त कर लिए बलिक हिक्की के प्रेस को बंद भी करवा दिया। 16 मार्च, 1782 तक प्रकाशित होने की पुषिट होती है, यधपि इसके सभी अंक उपलब्ध नहीं हैं। राष्ट्रीय पुस्तकालय कोलकाता के दुर्लभ ग्रंथ संग्रह में केवल 29 जनवरी, 1780 और 5 जनवरी, 1782 के अंक ही उपलब्ध हैं।

इस तरह भारत में पत्रकारिता पर शासकीय अंकुश और दबाव उसके जन्म के साथ ही शुरू हो गया।

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