महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आज़ाद
वे भारत के महान और शक्तिशाली क्रांतिकारी थे, भारत को अंग्रेजो के चंगुल से छुड़ाने में उनका अतुलनीय योगदान था।
सबसे पहले उन्होंने महात्मा गांधी जी के असहयोग आंदोलन में भाग लिया था, बाद में उन्होंने आज़ादी के लिये संघर्ष करने के लिये हथियारों का उपयोग किया।
चंद्रशेखर आजाद ने मरते दम तक अंग्रेजो के हाथ न आने की कसम खाई थी और मरते दम तक वे अंग्रेजो के हाथ में भी नही आये , उन्होंने अपने अंतिम समय में अंग्रेजो के हाथ आने के बजाये गर्व से खुद को गोली मार ली थी, इस तरह उन्होंने 27 फरवरी के दिन भारत की आज़ादी के लिये अपने प्राणों का बलिदान दिया था। उनके बलिदान को याद करते हुए युवाओ को प्रोत्साहित करने वाली उनकी पंक्तियाँ
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