चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का ऐतिहासिक महत्व

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का ऐतिहासिक महत्व





हिन्दू नववर्ष, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी संवत् 2075 की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ ।

आइये जानते हैं भारतीय संस्कृति में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का क्या ऐतिहासिक महत्व हैं....

1. हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इस दिन सूर्योदय के साथ ही ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना करना प्रारंभ किया था।

2.  मर्यादा पुरषोत्तम भगवन श्री राम का राज्याभिषेक इसी विशेष दिन किया गया था। 

3 . शक्ति और भक्ति के नौ दिन अर्थात् चैत्र नवरात्री का शुभारम्भ इस दिन माँ दुर्गा के शैलपुत्री स्वरुप की पूजा से होता हैं ।

4. सिख धर्म के द्वितीय गुरू श्री अंगद देव जी का जन्म 1561 में हरीके नामक गांव फिरोजपुर, पंजाब में इसी दिन हुआ था। 

5  स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने इसी दिन आर्य समाज की स्थापना की एवं कृणवंतो विश्वमआर्यम का संदेश दिया |

6.  सिंध प्रान्त के प्रसिद्ध समाज रक्षक वरूणावतार संत झूलेलाल इसी दिन प्रगट हुए।

7.  पांडु और कुंती जेस्ट पुत्र युधिष्ठिर का राज्यभिषेक भी इसी दिन हुआ।

8. सम्राट विक्रमादित्य ने इसी दिन राज्य स्थापित किया। इन्हीं के नाम पर विक्रमी संवत् का पहला दिन प्रारंभ होता है।

9.  विक्रमादित्य की भांति शालिवाहन ने हूणों को परास्त कर दक्षिण भारत में श्रेष्ठतम राज्य स्थापित करने हेतु यही दिन चुना।

Comments